डॉलर टू रुपये: रेट कैसे तय होता है?

विनिमय दर में सबसे महत्वपूर्ण कारक यही यानी मांग और आपूर्ती होता हैं। 

भारतीय रिज़र्व बैंक देश के विदेशी भंडार मुद्रा को मैनेज करती हैं। यदी अगर रुपया कमजोर हो रहा है, तो RBI डाॅलर बेचकर रुपये की किंमत को स्थिर करने की कोशिश करता हैं।   

ब्याज दरें भी एक प्रकार से Exchange Price / Rate पर प्रभाव डालती हैं। अगर भारत में ब्याजदर अधिक हैं, तो विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में निवेश करने के लिये आकर्षित होंगे। 

मुद्रास्फीति का सीधा प्रभाव विनिमय दरो पर पड़ता हैं।  

हमारे देश की इकोनोमिक ग्रोथ भी विनिमय दरो पर असर डालती हैं। 

वैश्विक घटाणाये जैसे युद्ध, महामारी या तेल की किंमतो में उतार-चढ़ाव भी विनिमय दरो को प्रभावित करते हैं।