Meesho ने किया बड़ा ऐलान! ₹4250 करोड़ के IPO को मिली हरी झंडी, अब आगे क्या होगा?

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Meesho IPO: पीछले हफ्ते ही मीशो ने अमेरीका के डेलावेयर हेडक्वार्टर से भारत में शिफ्ट करने की प्रोसेस को पूरी कर दिया हैं। इस Upcoming Meesho IPO में नये शेयरों के साथ मौजुदा ऑफर फाॅर सेल (OFC) भी रहेंगा। मीशो ने आखरी बार 55 करोड़ डाॅलर की फंडिंग उठाई थी।

शेयर होल्डर्स से मिली मंजूरी

ई-काॅमर्स स्टाॅर्टअप मीशो ने अपने आईपीओ की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा दिया हैं। उनके इस आईपीओ को शेयर होल्डर्स की मंजूरी मिल गई हैं। IPO का यह प्रपोसल कंपनीने 25 जून को असाधारण आम बैठक में लिया था जिसपर अब शेयरधारको की मंजूरी मिल चुकी हैं। दरअसल शेयर होल्डर्स ने IPO में 4,250 करोड़ रुपयों तक के नये इक्विटी शेयर लाने को मंजुली दे दी हैं।

मीशो आईपीओ के नये शेयरों के साथ साथ कुछ पुराने मौजूदा शेयर होल्डर्स के शेयर ऑफर फाॅर सेल के लिये लायेगी। बता दें की मीशो कंपनी में जापान की साॅफ्टबैंक का भी पैसा लगा हुआ हैं। आनेवाली दिवाली तक कंपनी का आईपीओ आ सकता है ऐसा कहा जा रहा हैं। 

शेयर होल्डर्स में बड़े बड़े नाम

मीशो के एक बड़े शेयरहोल्डर्स मे एलिवेशन, कैपिटल, पीक XV पार्टनर्स प्रोसेस जैसे बड़े बड़े नाम शामिल हैं। हर एक के पास लगभग 13-15% की हिस्सेदारी मौजुद हैं। जापान के साॅफ्टबैंक के पास लगभग 10% हिस्सेदारी हैं। इतना ही नहीं वेस्ट ब्रिज कैपिटल और फिडेलिटी के पास भी कंपनी की शेयर होल्डिंग मौजुद हैं। 

इससे पहले मीशो ने 55 करोड़ डॉलर की फंडिंग उठाई थी और उसके बाद कंपनी की वेल्युएशन लगभग 3.9 अरब डॉलर आकी गई थी। आखरी फंडिंग राऊंड में थिंक इन्वेस्टमेंट, मार्स ग्रोथ कैपिटल और टायगर ग्लोबल के साथ साथ मौजुदा पीक XV पार्टनर्स और वेस्ट ब्रिज कैपिटल भी मौजुद हैं। 

को-फाउंडर और सीईओ में भी होगा बदलाव

एक्सचेंज फाईल में बताया गया है की शेयर होल्डर्स ने मीशो के को-फाउंडर और सीईओ विदित आत्रे की‌ डेजिग्नेशन को चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रुप में बदलने की भी मंजूर दी हैं।

अमेरिका से भारत आयेगा हेडक्वार्टर

भारत में स्टाॅक एक्सचेंज में IPO Listing होने के लिये भारत में शिफ्ट होना जरुरी था। महीनों ने अपने हेडक्वार्टर को भारत में शीफ्ट करने की तयारी साल 2024 में ही‌ शुरु कर दी थी। शुरुवाती दिनों में साल 2017 में मीशो के मीशो के निवेशकों मे शुमार वाई काॅम्बिनेटर ने अपने पोर्टफोलियो कंपनी ने भारत के बाहर होना अनिवार्य कर दिया था क्योंकी उनकी फंडिंग और स्केल सुरक्षित करना आसान हो सके। इसी कारण से Meesho Headquarter को भारत के बाहर शिफ्ट करना पडा था।

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