
SIP Investment: आजकल हम किसी से भी एडवाइस लेने जाते हैं तो जादातर लोग म्युचुअल फंड में एसआईपी करने की ही राय देते हैं। रिटायरमेंट का फंड आया है SIP करले, कुछ पैसे पड़े है SIP करले, लाॅटरी लग गई SIP करलो, एफडी तोड़ दी है SIP करदो, हर एक जगह एसआईपी की करने की ही राय दी जाती हैं। लेकिन लोग एसआईपी तो शुरु करते हैं लेकिन बाद में बहुत बार पछतावा होता है इसलिये हम आज इस आर्टिकल में एसआईपी से जुडी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिससे आप एसआईपी तो करो लेकिन सोच समझकर करो स्मार्ट तरिके से करो।
तो चलिये जानते हैं SIP से कुछ अनसुनी बातें जो आपको एक Smart SIP Investor बना देगी।
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान क्या हैं? (Systematic Investment Plan)
यह एक ऐसा तरिका है जिससे आप एक तय की गई निश्चित राशी को एक समय के बाद यानी वीकली, क्वार्टरली अथवा सालाना आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते जाते हो। यह राशी अपने बैंक खाते से ऑटोमेटिक कटती जाती हैं। लेकिन इसमें फायदा तभी जादा मिल सकता है जब आप एक लंबे अवधी के लिये निवेश करते हो।
एसआईपी करने से पहले यह बातें ध्यान रखनी चाहिये? (Know Before to Start SIP)
- वित्तीय लक्ष को समझें: एसआईपी शुरु करने से पहले आप आपके वित्तीय लक्ष को समझना बहुत जरुरी हैं। आप एसआईपी किस लिये करना चाहते हो? क्या आप यह बच्चों की पढ़ाई के लिये कर रहे हो? घर खरिदने के लिये कर रहे हो? रिटायरमेंट के बाद की प्लॅनिंग कर रहे हो या अन्य कोई कारण हैं? क्योंकी हर लक्ष की सीमा और राशी अलग अलग होती हैं। अगर आप 5 साल बाद घर खरिदना चाहते हो तो आपके लिये इक्विटी फंड में एसआईपी रिस्क भरा हो सकता हैं इससे अच्छा है आप डेट फंड अथवा हायब्रिड फंड में निवेश करें। बिना लक्ष के आप ग़लत फंड चुन सकते हो और आपके लक्ष में बाधा भी आ सकती हैं।
- जोखिम को समझें: Mutual Fund SIP मतलब बहुत लोगों को सुरक्षित ही महसुस होता है लेकिन यह भी बाजार जोखिमों के आधिन होता हैं। अगर आप इक्विटी फंड में निवेश करते हैं तो यह बाजार के साथ ऊपर नीचे होता रहता है और अगर आप शाॅर्ट टर्म में पैसे निकलना चाहते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। इसलिये जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन अवश्य करें। युवा लोग जादा जोखिम ले सकते है लेकिन रिटायरमेंट वालो जैसे व्यक्ती कम जोखिमवाले फंड में ही निवेश अथवा एसआईपी की सोचे।
- सही फंड को चुनें: अगर आप बाजार में देखोंगे तो सेंकडो तरह में म्यूचुअल फंड मौजुद हैं, लेकिन हर फंड आपके हिसाब से सही नहीं होगा। म्युचुअल फंड का पिछला प्रदर्शन, एक्सपेंस रेशों, फंड मैनेजर का अनुभव, फंड का प्रकार ऐसी बहुत सारी बाते देखनी होगी जब आप एसआईपी के लिये फंड चुनते हो। लेकिन अगर आपको इसकी और भी जानकारी चाहिये तो आप हमारा आर्टिकल सही म्युचुअल फंड कैसे चुनें? इस आर्टिकल को जरुर पढ़े।
- समय अवधी: अगर SIP में आपका सबसे बड़ा कोई साथी होगा तो वह समय हैं। जितना लंबा समय आपका निवेश होगा उतना ही चक्रवृद्धि (Compounding) का फायदा मिलता हैं। चलिये इसका एक उदाहरण देखते हैं, अगर आप 25 साल की उम्र में ₹5000 महिने की एसआईपी शुरु करते हो और अगर आपको सालाना 12% का भी रिटर्न मिलता है तो 60 साल की उम्र के बाद आपका निवेश 4.5 करोड़ रुपये हो सकता हैं। लेकिन आप इसे 2-3 साल के भीतर ही निकालते हैं तो आपको जादा रिटर्न नहीं मिलेगा और यह भी हो सकता है की कुछ भी रिटर्न ना मिले। इसलिये आप SIP Investment करने की सोचें तो कम से कम 5-7 साल की योजना बनाकर चलें। इसके साथ आपको नियमित समीक्षा भी शुरु रखनी होगी।
- टैक्स और निकासी नियम: आप जो भी एसआईपी निवेश करते हो उसपर सरकार द्वारा टैक्स भी लगता हैं इक्विटी फंड में आज के हिसाब से एक साल से पहले निकासी 15% कैपिटल गेन टैक्स और 1 साल बाद 10% लाॅग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (1 लाख से ऊपर की कमाई पर) लगता है। इन नियमों के बिना निकासी करते है तो आपका रिटर्न काफी कम हो सकता हैं।
- आपातकालीन फंड रखें: एसआईपी हो या कोई अन्य निवेश आपको हमेशा थोड़ा बहुत आपातकालीन फंड हमेशा अलग रखना चाहिये। यह कम से कम 6 महिने के खर्चे के बराबर होना चाहिये। अगर आप सारा पैसा एसआईपी में लगा दोगे तो आपको किसी एमरजेंसी में इसकी अचानक जरुरत पड़ गई तो आपको निवेश किया गया पैसा निकालना पड़ेगा और इससे आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता हैं। यह आपातकालीन फंड आप किसी लिक्विड फंड अथवा बचत खाते में रख सकते हैं।
- डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो: कभी भी बड़ी राशी को एक ही जगह अथवा एक ही तरह के सेक्टर मे निवेश नहीं करें। आप अलग अलग फंड और एसेट क्लास में उसे निवेश करें।
अगर आप ऊपर दी गई बातों को ध्यान देते हैं और अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह से म्युचुअल फंड में एसआईपी करते हैं तो आपके लिये यह एक बेहतरीन तरिका होगा अपने भविष्य के आर्थिक स्थिति को मजबुत और सुरक्षित बनाने का।
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FAQ
प्रश्न- SIP शुरु करने के लिये कम से कम राशी कितनी आवश्यक होती हैं?
उत्तर: अधिकांश फंड हाऊस आपको ₹500 प्रति महिना भी एसआईपी करने की सुविधा प्रज्ञान करते हैं।
प्रश्न- क्या एसआईपी में बिच में रोका जा सकता है?
उत्तर: जी हां, आप इसे बीच में रोक सकते हो लेकिन लंबी अवधी के लिये निवेश करने पर ही आपको इसमें अच्छा रिटर्न मिल सकता हैं।
प्रश्न- एसआईपी अच्छा या लंपसम? कौनसा निवेश सही रहेगा?
उत्तर: अगर आप बाजार की टाईमिंग का जोखिम नहीं चाहिये और आप लगातार निवेश जारी रखना चाहते हैं तो आपको SIP Investment ही सही रहेगा। अधिक जानकारी के लिये आप हमारा SIP vs Lumpsum यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
प्रश्न- क्या एसआईपी में नुकसान हो सकता है?
उत्तर:हां, खासकर इक्विटी फंड में बाजार की गिरावट से अधिक नुकसान हो सकता हैं। लेकिन अभी तक देखा गया है की लंबे अवधी में आमतौर पर एसआईपी फायदेमंद ही साबित हुई हैं।
प्रश्न- SIP के लिये कौनसा फंड सही हैं?
उत्तर: यह आपके जोखिम क्षमता और लक्ष पर निर्भर करता हैं। इक्विटी फंड लंबी अवधी के लिये वहीं डेट फंड कम जोखिम के लिए बेहतर माना जाता हैं।
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