आज हिंदुस्तान काॅपर कंपनी में लगभग 26 दिसंबर को हिंदुस्तान काॅपर शेयर में जबरदस्त उछाल देखने को मिला हैं। इस शेयर ने आज मार्केट गिरावट के बाद भी 8 प्रतिशत का उछाल दिखाया हैं। यह पिछले 15 सालों में अपने उच्चतर स्तर पर आ चुका हैं। दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में तांबे की डिमांड बहुत जादा हो चुकी है। लेकिन इस रेकाॅर्ड ब्रेक उछाल के पिछे क्या कारण है चलिये जानते हैं।

Hindustan Copper Share Price में जबरदस्त उछाल
अगर साल 2025 की बात करें तो इस शेयर में हमें लगभग 89 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला हैं। इस साल सोना और चांदी के साथ इस कमोडिटी में निवेशको को तगडा रिटर्न क्या कर दिया हैं।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय मार्केट में काॅपर की किंमते अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुके हैं। इसी दौरान निफ्टी 50 ने 0.38 प्रतिशत के साथ 26,042.30 पर क्लोज हुआ हैं। वही दुसरी और हिंदुस्तान काॅपर स्टाॅक में 9.09% की तेजी दिखाते हुये शेयर ने 2010 से अपने उच्चतम स्तर (₹476.25 NSE) पर पहुंच गया हैं।

स्टाॅक्स की तुलना में इस साल मेटल सेक्टर ने जबरदस्त तेजी दिखाई हैं। सेक्टर में इस कंपनी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया हैं। मेटल सेक्टर इस साल देखें तो 24% चढ़ा है वहीं यह अकेला शेयर 89% चढ़ा हैं।
बनाया नया रेकॉर्ड
अगर चीन के शंघाई मार्केट की बात करें तो तांबे की किंमतो में शुक्रवार को 2.7 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया हैं। यह प्रति टन 14,090 पर पहुंच चुका हैं। अगर अमेरिका के काॅमेक्स की बात करें तो यह 3% चढ़कर 5,743 डाॅलर प्रति पाउंड पहुंच चुका हैं। जो की जुलै से अब तक का उच्चतम लेवल हैं।
भारत मे एमसीएक्स की बात करें तो शुक्रवार को 3.5% बढ़कर 1,216.05 प्रति किलो पर पहुंच चुका हैं।
अगर आप अमेरिकन डॉलर टु रुपये रेट कैसे तय होता है? यह भी हमारे आर्टिकल के द्वारा जान सकते हैं।
तांबे में तेजी का कारण
मार्केट एक्सपर्ट के अनूसार सप्लाई के मामले में इसमें गिरावट है वहीं अगले साल अमेरिका के व्याजदरो में कमी होने के संकेत मिल रहे हैं। दरअसल, ब्याज दरों के कटौती के कारण कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गती देखने को मिलती हैं इतना ही नहीं ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन में तांबे को एक अहम धातु माना जाता हैं।
आनेवाले दिनों में इलेक्ट्रिक वेहिकल, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्युएबल एनर्जी जैसे सेक्टर में इसका मांग बढ़ रही है ऐसा एक्सपर्ट का मानना हैं।
भविष्य पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
काॅपर किंमतो को ट्रैक करनेवाले अधिकांश एक्सपर्ट कह रहे हैं की आनेवाले दिनों में इसमें कुछ मुनाफा वसुली दिख सकती है लेकिन अगर लंबे अवधी में माने तो इसमें मजबुती के ही संकेत देखे जा सकते हैं।
विभावंगल अनुकूलकारा के फाउंडर सिद्धार्थ मौर्य का कहना है की, मेटल सेक्टर में आई तेजी को देखते हुये इसमें तेजी स्वाभाविक है और मुनाफा वसुली भी संभव हैं लेकिन मजबुर कमाई और सपोर्टिव ट्रेड को देखें तो लंबे अवधी में निवेश अच्छा माना जा रहा हैं।
INvasset PMS रिसर्च के कल्प जैन की माने तो हिंदुस्तान काॅपर में सप्लाई की कमी और मजबुर इंडस्ट्रीयल डिमांड के कारण काॅपर में तेजी देखने को मिल रही हैं। पिछले एक हफ्ते में इसमें 19% की जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेटल की किंमते और कपैसिटी एक्सपेंशन प्लान इस शेयर में महत्त्वपूर्ण कारण हैं।
HDFC सिक्यूरिटीज ब्रोकरेज फर्म के अनुसार भारत में तांबे की मांग 2030 तक बढ़कर 32.4 लाख टन तक पहुंच सकती हैं। उनका कहना है की FY25 में कंपनी ने 40 लाख टन से FY31 तक 122 लाख टन सालाना मायनिंग तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं।
मेरी राय
मेरा अनुमान है की शेयर्स की तुलना में आनेवाले दिनों में कमोडिटी मार्केट में तेजी की संभावना ज्यादा हैं। सोने में भी तेजी है लेकिन उसकी सप्लाई कम नहीं होती और इसे ग्लोबल मार्केट में महत्त्वपुर्ण माना जाता लेकिन अगर दुसरी और आप चांदी और काॅपर जैसी चींजो की लिमिटेड सप्लाई और बढते डिमांड की वजस से लंबे अवधी के लिये उसकी डिमांड बढने ही वाली हैं।
अगर आपको चांदी की किंमतो में क्यु उछाल आया है इसे जानना है तो आप हमारा चांदी ही नया सोना हैं इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।
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