
ETF vs Stock: आजकल निवेश करने की जागृकता लोगों में बहुत बढ़ गई हैं। निवेश की बात आती है तो लोग ज्यादातर शेयर मार्केट की तरफ देखते हैं। शेयर मार्केट में निवेश के लिये आपको प्रमुख तरह से दो विकल्प मिलते हैं एक ईटीएफ (ETF) और दुसरा स्टाॅक (Stocks) लेकिन लोग इसमें सोचते रह जाते हैं की दोनों में क्या फर्क है? और दोनों में कौनसा निवेश के लिये सही होगा।
चलिये इस आर्टिकल में जानते हैं Stocks vs ETF दोनों क्या है? और इसमें क्या फर्क हैं और कौनसा आपके लिये सही ऑप्शन हो सकता हैं।
ईटीएफ क्या हैं? (ETF Meaning)
ईटीएफ का मतलब होता है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड। यह एक प्रकार का निवेश फंड है जो की स्टाॅक्स, बाॅन्ड्स और अन्य प्रकार का समुह होता हैं। यह भी स्टाॅक की तरह है एक्सचेंजो पर ट्रेड करता हैं। ईटीएफ में निवेश करने से आपको कई तरह के कंपनीयों अथवा इंडेक्स में एकसाथ निवेश करने का मौका मिलता हैं।
उदाहरण– अगर आप S&P 500 में निवेश करते हो तो आप अमेरिका की 500 बड़ी कंपनीयों में निवेश कर रहे हो।
ईटीएफ की सबसे बड़ी बात यह है की यह आपको विविधता (Diversification) प्रदान करता हैं इससे आपका रिस्क कम हो जाता हैं। इसे आप दिनभर खरिद और बेच सकते हो जैसे आप किसी अन्य स्टाॅक अथवा शेयर को खरिदते हो।
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स्टाॅक्स क्या हैं? (Stocks Meaning)
स्टाॅक मतलब किसी कंपनी का एक छोटा सा हिस्सा होता है। आप कोई स्टाॅक खरिदते हो तो आप उस कंपनी के मालिक बन जाते हैं साथ में उसकी प्रगती और गिरावट में हिस्सा लेते हैं। अगर कंपनी अच्छा पर्फोर्मेंस कर रही है तो शेयर प्राइस ऊपर जाते हैं अगर नहीं तो नीचे।
स्टाॅक में निवेश के लिये आपको अच्छा ज्ञान और रिसर्च की जरुरत पड़ती हैं। हर स्टाॅक का प्रदर्शन अलग-अलग होता हैं। यह उच्च रिटर्न दे सकता है और साथ में रिस्क भी अधिक होता हैं।
ईटीएफ और स्टाॅक मे फर्क (Difference)
ETF और Stocks में काफी अंतर होता हैं जो निवेशकों को तय करने में मदत करता है की क्या सही है और क्या नहीं?
विविधता
ईटीएफ: यह परिसंपत्तियों का समुह होता है इसलिये इसमें रिस्क कम होता है। अगर एक कंपनी का प्रदर्शन बुरा होता है तो अन्य कंपनीयों से यह संतुलित होता हैं।
स्टाॅक: इसमें आप इक ही कंपनी में निवेश करते हो। अगर उस कंपनी में कोई दिक्कते आती है तो आपका पुरा निवेश खतरे में पड़ जाता हैं।
लागत
ईटीएफ: यह आमतौर पर कम राशी में आपको मिलते हैं क्योंकी इनका प्रबंधन म्यूचुअल फंड की तुलना में काफी कम होता हैं। इसके अलावा ब्रोकरेज फिस भी अन्य की तुलना में कम होती हैं।
स्टाॅक: स्टाॅक बेचने और खरिदने में ट्रांजेक्शन फिस और अन्य चार्जेस लागु हो सकते हैं खासकर अगर आप बार बार ट्रेड लेते हो तो।
लचीलापन
ईटीएफ: ईटीएफ दिनभर स्टाॅक एक्सचेंज पर ट्रेड होते रहते हैं इसलिये आप बाजार के उतार चढ़ाव से तुरंत फैसला ले सकते हैं।
स्टाॅक: यह भी इसी तरह ट्रेड होते हैं लेकिन आपको हर स्टाॅक के लिये अलग अलग रिसर्च करनी पड़ती हैं जो की समय देनेवाली हो सकती हैं।
रिस्क
ईटीएफ: इसमें रिस्क की तुलना बहुत कम रहती है क्योंकी यह बहुत सारी परिसंपत्तियों पे डिपेंड होती हैं।
स्टाॅक: इसमें रिस्क बहुत ज्यादा होता है क्योंकी यह केवल एक कंपनी पर डिपेंड होता हैं।
नियंत्रण
ईटीएफ: ETF निवेशकों का नियंत्रण काफी कम होता होता क्योंकी यह इंडेक्स या समुह पर आधारित होता हैं।
स्टाॅक: इसमें निवेशकों का जादा नियंत्रण चुन सकते हैं, वह यह चुन सकते हैं की कौनसी कंपनी में हमें निवेश करना हैं।
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ईटीएफ और स्टाॅक के नुकसान
ईटीएफ के नुकसान
- सीमीत नियंत्रण, इसमें केवल आप समूह और इंडेक्स पर निर्भर हो।
- उच्च रिटर्न की कम संभावना, क्योंकी यह अनेक कंपनी से बना होता हैं।
- बाजार के उतार चढ़ाव से प्रभावित हो सकता हैं।
स्टाॅक के नुकसान
- इसमें उच्च रिस्क होता है क्योंकी यह केवल एक कंपनी पर निर्भर करता हैं।
- गहन रिसर्च और समय की आवश्यकता।
- बाजार कि अस्थिरता से तुरंत प्रभावित होता हैं।
ईटीएफ और स्टाॅक के फायदा
ईटीएफ के फायदे
- यह विविधता के साथ रिस्क को कम करता हैं।
- प्रबंधन लागत और कम फिस।
- नये निवेशकों के लिये आसान और सुविधाजनक तरिका।
- बाजार के समग्री प्रदर्शन पर आधारित।
- लंबी अवधी में स्थिर रिटर्न।
स्टाॅक के फायदे
- व्यक्तिगत कंपनी विकास में सीधे भागीदारी।
- डिविडेंड और वोटिंग अधिकार जैसे अतिरिक्त लाभ।
- पूर्ण नियंत्रण और लचीलापन।
- अगर आप सही कंपनी चुनते हैं तो उच्च रिटर्न की संभावना।
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ईटीएफ या स्टाॅक- कौनसा बेहतर?
यह पुरी तरह आपके आपके लक्ष्य, रिस्क फैक्टर और अनुभव पर निर्भर करता हैं। अगर आप नये निवेशकों हो और कम रिस्क लेना चाहते हो तो ईटीएफ एक अच्छा विकल्प हैं।
अगर आप बाजार में अच्छा ज्ञान रखते हो, उच्च रिटर्न के लिये रिस्क लेने के लिये तयार हो, तो आपके लिये स्टाॅक एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
लंबी अवधी के लिये ईटीएफ विकल्प अधिक अच्छा माना जाता हैं वहीं आम अवधी के लिये स्टाॅक निवेश अच्छा रहता हैं।
मेरे हिसाब से आप दोनों को साथ चलकर अगर निवेश करते हैं तो यह सबसे सही विकल्प साबित हो सकता हैं।
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FAQ
प्रश्न: ETF और Stock में क्या मुल अंतर होता है?
उत्तर- ETF अनेक कंपनियों का परिसंपत्तियों का समुह होता हैं वहीं Stock मे केवल एक ही कंपनी में निवेश होता है।
प्रश्न: ETF खरिदने के लिये क्या जरुरी होता हैं?
उत्तर- इसे लिये आपको स्टाॅक खरिदने जैसे ही Demat और Trading Account की आवश्यकता होती हैं। साथ में थोडा बहुत इसका ज्ञान भी होना आवश्यक हैं।
प्रश्न: शुरुवाती निवेशकों के लिये कौनसा विकल्प सही होगा?
उत्तर- शुरुवाती निवेशकों के लिये ईटीएफ में निवेश सही विकल्प होगा क्योंकी इसमें ना तो आपको जादा रिस्क रहेगा ना ही किसी एक कंपनी पर आपकी रिटर्न तय होगा। लेकिन आपको थोड़ी बहुत मार्केट की जानकारी हो तो आप दोनों में निवेश करके एक प्रकार से ज्यादा संतुलन बनाये रख सकते हैं।
प्रश्न: क्या ईटीएफ और स्टाॅक निवेश पर टैक्स लगता हैं?
उत्तर- ETF में टैक्स लग सकता है क्योंकी यह पैसिवली मैनेज्ड होते हैं जबकी स्टाॅक में इसकी तुलना में कम टैक्स लाभ मौजुद होता हैं। खासकर शाॅर्ट टर्म समय अवधी के लिये।
प्रश्न: क्या ईटीएफ स्टाॅक से जादा सुरक्षित होते हैं?
उत्तर- हां, ईटीएफ स्टाॅक की तुलना में जादा सुरक्षित होते हैं क्योंकी इसकी विविधता के कारण यह आम जोखिमभरा होता हैं।
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