GST on UPI Payments: अभी के वक्त बाजार में जाकर सब्जी खरिदना हो या स्टाॅक्स मार्केट में शेयर या फिर सोना-चांदी अभी लोग ज्यादातर फटाफट मोबाइल निकालकर ही युपीआई से पेमेंट कर देते हैं। इसके लिये ना ही कैश रखने की जरुरत है ना ही एटिएम की लाईन में रहने की जरुरत। युपीआई पेमेंट से पुरी लेन-देन ही आसान कर दी हैं। सबसे बडी बात यह हम अबतक फ्री ही करते आ रहे हैं। लेकिन अभी ऐसी खबरे आ रही हैं की आपको इसपर यूपीआई ट्रांजेक्शन पर भी 18% तक का जीएसटी लग सकता हैं। तो चलिये आज हम इसी के बारे इस आर्टिकल में बात करने जा रहे हैं।

वित्त मंत्रालय ने बताया सच
दरअसल खबर ऐसी आ रही थी की ₹2,000 से अधिक के UPI Transaction पर यह GST लगेगा लेकिन वित्त मंत्रालय ने आगे आकर बता दिया हैं की 2 हजार से ऊपर के लेन-देन पर लगने वाली यह जीएसटी की बात बिल्कुल एक अफवाह हैं।
मंत्रालय ने बताया हैं की यह GST लगानेवाली रिपोर्ट पुरी तरह गलत हैं। जनवरी 2020 से ही UPI P2M (Person to merchant) शून्य हैं। इसलिए इनपर जीएसटी बिल्कुल भी नहीं हैं।
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इंसेंटिव स्किम
दरअसल, केंद्र सरकारने 19 मार्च को ही यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को प्रमोट करने के लिये इंसेंटिव स्किम की अवधी को 1 साल तक बढ़ाया हैं। यह स्किम अब 31 मार्च 2026 तक रहेगी और इसपर 1,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
यह फैसला केंद्रिय कैबिनेट में लिया गया केंद्रिय मौत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया हैं की रुपे कार्ड और 2,000 तक के ट्रांजेक्शन पर 0.15% तक इंसेंटिव मिलेगा। पर्सन टू मर्चेंट ट्रांजेक्शन मतलब व्यापार और ग्राहको के बीच UPI ट्रांजेक्शन, यह स्टिम दरअसल 1 एप्रिल 2021 से शुरु की गई थी। रुपे डेबिट कार्ड के प्रमोशन का सीधा असर वीजा और मास्टर कार्ड के बिजनेस पर पड़ेगा।
दुकानदारों को इंसेंटिव कैसे मिलेगा?
इसको एक उदाहरण से समझते हैं, अगर कोई ग्राहक दुकानदार से ₹2000 का का सामान खरिदकर उसकी पेमेंट करता है तो उसको 3 रुपये इंसेंटिव के रुप में मिलेगा।
20,000 करोड़ ट्रांजेक्शन का लक्ष
भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिये केंद्रीय मंत्री ने बताया हैं कि वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार का 20,000 करोंड ट्रांजेक्शन का लक्ष हैं। साथ में छोटे शहर और गांव के लोगों को इसमें जादा से जादा इस्तमाल को बढ़ावा देने का सरकार का लक्ष हैं।
यह एक आसान सुरक्षित और फास्ट ट्रांजेक्शन सुविधा है और बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के आपके बैंक अकाउंट में आती हैं।
सिर्फ अगर मार्च महिने की बात करें तो लगभग 24.77 लाख करोड रुपयों की यूपीआई ट्रांजेक्शन देश हुई हैं इससे आप अंदाजा लगा सकते हो की भारत में यह कितना ज्यादा लोगों द्वारा इस्तमाल किया जाता हैं।
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UPI कैसे काम करता हैं?
इसको इस्तमाल करने के लिये आपको वर्चुअल UPI एड्रेस तयार करना होता हैं। इसके बाद आपको आपके बैंक अकाउंट से उसे लिंक करना होता हैं। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम, IFSC कोड आदी याद रखने की जरुरत नहीं अब आप कहीं भीआसानी से चुटकियों में अपने मोबाईल से पेमेंट का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
तो ऐसे में अगर आप UPI का इस्तमाल करते हैं तो कोई डरने की बात नहीं हैं फिलहाल को वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है की अभी तक तो ऐसा कोई 18% GST UPI पर नहीं लगनेवाला हैं।
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FAQ
प्रश्न: UPI क्या हैं?
उत्तर- UPI मतलब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस हैं जो की एक डिजिटल भुगतान प्रणाली हैं, जो की भारत में NPCI की देन हैं।
प्रश्न: क्या यूटीआई पे जीएसटी लगने जा रहा हैं?
उत्तर- नहीं, वर्तमान में सरकार का 2,000 अथवा उससे अधिक की राशी पर कोई GST लगाने का कोई भी प्रस्ताव नहीं हैं।
प्रश्न: क्या यूपीआई लेन-देन मुफ्त हैं?
उत्तर- हां, अधीकांश यूटीआई लेन-देन फ्री हैं जैसे पर्सन टु पर्सन और छोटे मर्चेंट के लिये। लेकिन बड़े मामलों में बड़े मर्चेंट और बैंक की सीमा से अधिक ट्रांजेक्शन के लिये शुल्क लागु हो सकता हैं।
प्रश्न: अगर भविष्य में UPI पर GST लगता है तो इसका असर किसपर होगा?
उत्तर- अगर यदी भविष्य में ऐसा होता है तो यह छोटे, बड़े मर्चट से लेकर ग्रामीण इलाकों में Digital Payment को धीमा कर सकता हैं, मतलब इसका असर आम नागरिकों पर देखने को मिल सकता हैं।
प्रश्न: UPI शुरु करने के लिये आपको किस चीज की जरुरत होती हैं?
उत्तर- इसके लिये आपको Bank Account और Mobile Number की आवश्यकता पड़ती हैं।
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