SIP in ETF: ईटीएफ और एसआईपी यह निवेश की दुनिया में ऐसे दो टुल है जो लोगों के बिच लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं। अगर आप ETF में SIP करने की सोच रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिये ही हैं। हम इस आर्टिकल में जानेंगे की ETF me SIP Kaise Kare, चलिये जानते इसके बारे में स्टेप बाय स्टेप जानकारी।

जो भी लोग हमारे वेबसाईट पर पहिली बार आये हैं उनको पहले बता देते हैं की ETF और SIP आखिर होती क्या हैं?
ETF और SIP क्या होती हैं?
ETF मतलब: ईटीएफ यानी Exchange Traded Fund होता है जो स्टाॅक एक्सचेंज पर लिस्ट होता हैं। समझो यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड जैसा ही होता है लेकिन आप इसे NSE, BSE पर शेयरों की तरह खरिद और बेच सकते हो।
SIP मतलब: यह म्यूचुअल फंड मे निवेश का लोकप्रिय प्रकार है जिसमें आप हर महिने एक तय की गई राशी एक फंड में निवेश करते जाते हो इसे ही एसआईपी यानी सिस्टिमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान कहते हैं।
लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको म्युचुअल फंड की बजह ETF में SIP करने के बारे में बतानेवाले हैं।
यह भी पढ़ें: सोने में करें इस तरिके से निवेश
ETF में SIP करने के फायदे
डायवर्सिफिकेशन: इसमें आप एकसाथ कई कंपनी अथवा एसेट्स में कम राशी में निवेश कर सकते हो।
लचीलापन: SIP के जरिये आप छोटी राशी से निवेश की शुरवात कर सकते हो। (प्रति माह ₹500 से शुरवात)
कम खर्च: इसका एक्सपेंस रेशों म्यूचुअल फंड की तुलना में काफी कम होता हैं।
लिक्विडिटी: इसे शेयर मार्केट में किसी भी समय में खरिद और बेचा जा सकता हैं।
अगर आप ETF से रेगुलर इनकम करना चाहते हैं तो आप हमारी ETF ki Dukaan वाली स्टेटर्जी जरुर पढ़े।
ETF SIP कैसे शुरु करें?
स्टेप १: ETF खरिदने के लिये आप Groww, Upstox, Angle One, Zerodha जैसे कोई भी एक प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग और डिमैट खाते ओपन कर लें।
स्टेप २: बाद में आपको इंडेक्स फंड, सेक्टोरल फंड अथवा इंटरनैशनल फंड जैसे अलग अलग फंड में से आपके हिसाब से सही फंड का चुनाव करें।
स्टेप ३: म्यूचुअल फंड में Auto Invest का ऑप्शन आपको मिल जाता है लेकिन आपको यह सुविधा ETF में अधिकांश उपलब्ध नहीं होती तो आपको म्युचवल हर महिने आपकी राशी निवेश करनी होगी। हो सकते हैं भविष्य में यह सुविधा सभी प्लॅटफाॅर्म पर उपलब्ध हो।
स्टेप ४: आपके ETF NAV पर हमेशा नजर रखे, आपके पोर्टफोलियो की समीक्षा बार बार करते रहिये।
यह भी पढ़ें: SIP करने से पहले जान लें यह 7 बाते
ईटीएफ में SIP करते वक्त ध्यान रखें यह बाते
लिक्विडिटी: कई ETF में वाल्युम की कमी होती है इसलिये आपको इसे बेचने में कठिनाई आती है तो ऐसे ईटीएफ अवाईड करें।
मार्केट रिस्क: ईटीएफ मार्केट के उतार चढ़ाव से प्रभावित होता है तो यह बात हमेशा ध्यान में रखें।
एक्सपेंस रेशों: म्यूचुअल फंड की तुलना में यह काफी कम होता है लेकिन आपका एक्सपेंस रेशों पर भी ध्यान होना चाहिये।
ट्रेकिंग इरर: ETF का पर्फोर्मेंस अंडरलाइंग इंडेक्स से थोडा अलग होता हैं।
लंबे अवधी का निवेश: ईटीएफ में लंबे अवधी के बाद भी आपको अच्छे रिटर्न मिलने की चांस होते हैं। सबसे अच्छा रिटर्न 5-10 साल के निवेश से ही बनता हैं।
ओवर ट्रेडिंग: SIP का मकसद दिर्घकालिन निवेश होता हैं। बार बार खरिद फरोख्त करने से आपको नुकसान हो सकता हैं।
ETF SIP vs Mutual Fund SIP: क्या फर्क होता हैं?
पैरामीटर | म्युचुअल फंड एसआईपी | ईटीएफ एसआईपी |
लागत | अपेक्षाकृत अधिक | कम एक्सपेंस रेशों |
लचीलापन | NAV पर आधारित | रीयल टाइम ट्रेडिंग |
निवेश की शुरुआत | ₹500 प्रतिमाह से शुरु | शेयर की किंमत के अनुसार |
यह भी पढ़ें: SIP नहीं STP, नया निवेश का तरिका
SIP के लिये 5 Best Best भारतीय ETF
- Nippon India ETF Nifty 50
- SBI ETF Sensex
- ICICI prudential Gold ETF
- HDFC Nifty 50 ETF
- Motilal Oswal NASDAQ 100 ETF
आपको हमारा SIP in ETF वाली यह जानकारी कैसी लगी? अगर थोड़ा भी काम का लगा होगा तो इसे अपने मित्रो और परिवार के साथ शेयर करना ना भुले।
Homepage | Click Here |
FAQ
प्रश्न: ETF में एसआईपी में लिये न्यूनतम राशी क्या होती हैं?
उत्तर- आप मात्र ₹१००-५०० से भी ETF SIP की शुरवात कर सकते हैं, यह आपके ETF Share Price पर भी आधारित होगा।
प्रश्न: क्या ETF में SIP सुरक्षित होती हैं?
उत्तर- शेयर मार्केट में निवेश करना मार्केट रिस्क के अधीन होता है, लेकिन लंबी अवधी में डायवर्सिफाइड ETF में निवेश सुरक्षित माना जाता हैं।
प्रश्न: क्या ETF में SIP पर Tax लगता है?
उत्तर- इक्विटी ETF पर 1 साल से अधिक होने पर 10% LTCG Tax और कम के लिये 15% STCG Tax लगता हैं।
प्रश्न: ईटीएफ मे एसआईपी और म्यूचुअल फंड में एसआईपी में क्या अंतर होता हैं?
उत्तर- ETF में आप सीधे युनिट्स खरिदते हो और म्यूचुअल फंड में आप AMC के जरिये निवेश करते हो।
प्रश्न: ईटीएफ के एनएवी का SIP पर क्या असर होता हैं?
उत्तर- ETF NAV मार्केट के चढ़ उतार-चढ़ाव पर बदलता है इसलिये SIP के जरिये आप अलग-अलग कीमतों पर युनिट्स खरिदते हैं।
अन्य पढें