CryptoCurrency in Pakistan: Pakistan के प्रधानमंत्री ने बिलाल बिन साकिब को ब्लाॅकचेन और क्रिप्टोकरेंसी मामलों पर स्पेशल असिस्टेंट नियुक्त किया हैं, जिससे सरकार इस सेक्टर को रेगुलेट कर सकेगी।

असली पैसे नहीं तो यही सही
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सिजफायर से दोनों देशों के में माहोल शांत होते दिख रहा है लेकिन अब पाकिस्तान से क्रिप्टोकरेंसी से जुडी एक अलग ही खबर सामने निकलकर आ रही हैं। दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने लंदन बैस्ड सोशल इंटरप्रेन्योर और ब्लाॅकचेन एक्सपर्ट बिलाल बिन साकिब को ब्लाॅकचेन और क्रिप्टोकरेंसी पर स्पेशल असिस्टेंट टू द प्राइम मिनिस्टर (SAPM) नियुक्त किया हैं। उन्हें राजमंत्री दर्जा भी दिया गया हैं।
सोशल मिडिया पर लोग इसपर जमकर मिम्स भी बना रहे। कुछ लोगों ने तौ इनको क्रिप्टोकरेंसी मंत्री भी कहना शुरू कर दिया हैं। इस नियुक्ति पर दुनियाभर में चर्चा हो रही हैं क्योंकी बहुत-सारे देश औपचारिक तौर क्रिप्टो को देश में पहचान देने से कतरा रहे हैं वहीं पाकिस्तान जैसा देश इसपर लट्टू हो गया हैं।
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इनकम और इनोवेशन का जरिया
दरअसल पाकिस्तान में युवा आबादी तेजी से डिजिटल टेक्नालॉजी की ओर बढ़ रही है और क्रिप्टोकरेंसी को सरकार टेक्नालॉजी और इनोवेशन का जरिया मान रही हैं जो की वैसे देखा जाये तो पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति की रियालिटी से कहीं मेल नहीं खाता दिख रहा हैं। पाक सरकार का मानना है की बिलाल की नियुक्ति मतलब एक बड़ा संकेत है की सरकार इस सेक्टर को रेगुलेट और डेवलप करने के लिये गंभीर हो चुकी हैं।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पाकिस्तान की क्यूं है ज्यादा दिलचस्पी
सरकार के हिसाब से पाकिस्तान एक उभरता हुआ डिजिटल मार्केट हैं। वहां पारंपारिक बैंकों पर युवाओं का कम भरोसा, आबादी की टेक्नालॉजी में रुची और सिमित निवेश विकल्पों ने क्रिप्टोकरेंसी को आकर्षक बना दिया हैं।
रिपोर्ट्स की मानें तो दुनिया के टाॅप 10 क्रिप्टो युज करने में पाकिस्तान शामिल हो गया हैं। बिलाल की नियुक्ति से देश उम्मीद कर रहा है की पाकिस्तान अब क्रिप्टो और ब्लाॅकचेन को जिम्मेदारी से अपनाने की दिशा में ठोस कदम उठायेगी।
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कौन है बिलाल बिन साकिब?
यह बिलाल बिन साकिब लाहौर के रहनेवाला हैं। लेकिन अभी वह लंदन में बसे हुये एक सोशल इंटरप्रेन्योर और ब्लाॅकचेन सलाहकार हैं। उन्होंने लंदन स्कुल ऑफ इकोनॉमिक्स से सोशल इनोवेशन में मास्टर किया हैं। Tayaba.org नामक संस्था के जरिये पाक के जलसंकट पर काम किया था। उन्होंने पाकिस्तान में पहली बार एनएफटी फंडरेजिंग कैंपेन की शुरवात की थी। कोविड 19 के दौरान UK में NHS वर्कर्स के लिये One million Meals अभियान चलाया था।
लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार उत्साहित तो है लेकिन उनके लिये बहुतसारी समस्या हैं। फायनाशियल माॅनिटरिंग एजेंसी इसे हाई रिस्क मानती हैं। स्टेट बैंक ने 2022 तक कई बार क्रिप्टो पर चेतावनी जारी की थी।
आगे आनेवाले दिनों में यह देखना दिलचस्प रहेगा की पैसों के लिये जुज़ रहे, और IMF जैसी संस्थाओं से लोन पर देश चलानेवालो की यह सिर्फ क्रिप्टो घोषणा हैं या सच में इससे कोई पाकिस्तान में बदलाव हो सकेगा!
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