Ek rupee coin ka manufacturing cost kitna hoga? | एक रुपये का सिक्‍का बनाने में आता है कितना खर्च, कहां बनता है? पूरी डिटेल

दोस्तों, भारत सरकार देश को संचालित करने के लिये नोट्स और काॅइन बनाती हैं और उसे इस्तमाल में लाती हैं पर क्या आपको यह पता है की एक रुपये का सिक्का मैन्युफैक्चर करने में कितने रुपये का खर्चा आता है? (Ek rupee coin ka manufacturing cost kitna hoga?), अगर नहीं पता तो आप सही आर्टिकल पर आये हो। चलिये जानते हैं इसका सच।

Ek rupee coin ka manufacturing cost kitna hoga?

दरअसल, करेंसी के लिये सरकार को करोंड़ों रुपयों का खर्चा करना पड़ता हैं। इसमें ऐसे कई सिक्के भी मौजुद हैं उनका Manufacturing Cost उसकी करेंसी किंमत से भी ज्यादा रहती हैं, आज हम देखेंगे 1 रुपयों के सिक्के की किंमत।

कौन छापता है यह करेंसी?

आपको बता दें की, भारत के इस्तमाल होनेवाले नोट और सिक्के भारत सरकार की तरफ से छापे जाते हैं, वहीं कुछ नोट आरबीआई यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा भी छापे जाते हैं।

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एक रुपये का सिक्का मैन्युफैक्चर करने में कितने रुपये का खर्चा आता है?

अगर सिक्कों की मैनिफैक्चरिंग में लगनेवाले लागत की बात करे तो हर सिक्कों में लागत अलग-अलग लगती ही हैं। अगर हम बात करें ₹1 रुपयों के सिक्कों कि तो भारत सरकार की टकसाल विभाग की जानकारी के मुताबिक इसके मैन्युफैक्चरिंग मे लगभग 1.11 रुपयों तक की लागत आती हैं। वही ₹2 के लिये 1.28 रुपये, ₹5 के लिये 3.38 रुपये और ₹10 के लिये लगभग 5.54 रुपये का खर्चा आता हैं। दरअसल यह आंकड़े साल 2018 के जो RBI ने बताये थे।

नोट बनाने में कितना खर्चा

नोट छापने की लागत सिक्कों की तुलना में काफी कम होती है। अगर ₹2000 के नोट की बात करें तो इस ₹4 का खर्चा आता है हालाकी इसमें थोड़ी बहुत लागत कम ज्यादा होती रहती है। ₹10 रुपयों के 1000 नोट में 960, ₹100 रुपयों के 1000 नोट में 1770, ₹22 रुपयों के 1000 नोट में 2370, ₹500 रुपयों के 1000 नोट में 2290 रुपयों की लागत आती हैं।

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एक रुपए के सिक्के का वजन कितना होता है?

1 Rupee Coin
मैन्युफैक्चरिंग काॅस्ट1.11 रुपयें
व्यास21.93 मिमी
मोटाई1.45 मिमी
वजन3.59 ग्राम

एक रुपये के सिक्के का वजन लगभग 3.59 ग्रॅम होता हैं। इस गोल सिक्के का व्यास 21.93 मिलिमिटर और मोटाई 1.45 मिलिमिटर होती हैं। यह स्टेनलेस स्टील का बना होता हैं और यह आकार में छोटा होता हैं। भारत में पहली बार साल 1950 को रुपये के सिक्के को लाया गया था।

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सिक्कों की मैनिफैक्चरिंग की लागत जादा क्यु?

सिक्कों की लागत में वृद्धी के अनेक कारण होते हैं, उसमें से प्रमुख कारण-

  • सुरक्षा फिचर्स- वाटर मार्क, सिक्युरिटी थ्रेड जैसी चीजों की के एक वजह है लागत बढ़ने की।
  • मेटल की किंमते- सिक्को में इस्तमाल करनेवाली किंमतो में वृद्धि की वजह से भी सिक्कों की मैनिफैक्चरिंग की लागत जादा होती हैं।
  • गुणवत्ता- सिक्कों की सुरक्षा और क्वालिटी बेहतर रखना होता हैं जिसमें इसके खर्च में वृद्धि होती हैं।

अभी के वक्त भारत में मौजूद 4 टकसाल

  1. मुंबई (महाराष्ट्र)
  2. हैदराबाद (तेलंगाना)
  3. नोएडा (उत्तर प्रदेश)
  4. कोलकाता (पश्चिम बंगाल)

भारत मे सिक्का निर्माण का इतिहास

अगर सिक्के का इतिहास देखें तो वह बहुत पुराना है, इसमें से कुछ दिलचस्प बातें इस प्रकार

  • ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 17वी और 18वी सदी में 3 टकसाल की स्थापना की थी: मद्रास(1640) बाॅम्बे(1671) और कलकत्ता (1757)
  • साल 1829 में कलकत्ता और बाॅम्बे(मुंबई) के टकसाल में नई तकनीकों से अपग्रेड किया था।
  • वैसे भारत की आजादी से पहले 4 टकसाल थे: लाहोर, मद्रास, कलकत्ता, बाॅम्बे
  • मद्रास टकसाल साल 1869 में बंद कर दिया गया।
  • विभाजन के बाद लाहोर टकसाल पाकिस्तान में चला गया।
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FAQ

प्रश्न- 500 का नोट बनाने में कितना खर्चा आता है?

उत्तर: 500 का नोट बनाने में लगभग ₹5 से ₹6 रुपयों की लागत लगती हैं।

प्रश्न- 1 रुपये का सिक्का कौन जारी करता है?

उत्तर: 1 रुपये का सिक्का भारत सरकार का वित्त मंत्रालय और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया जाता हैं।

प्रश्न-1 रुपए का सिक्का कितने ग्राम का होता है?

उत्तर: 1 रुपए का सिक्के का वजन 3.59 ग्रॅम होता हैं।

प्रश्न- आरबीआई किस आधार पर पैसा छापता है?

उत्तर: सोने और विदेशी मुद्रा से जुड़े भंडार की सहायता से मुद्राएँ जारी की जाती है।

प्रश्न- 500 का नोट बनाने में कितना खर्चा आता है?

उत्तर: भारत में 500 रुपये के नोट को बनाने की लागत लगभग 3 से 4 रुपये के बीच होती है। मुद्रण खर्च में समय-समय पर बदलाव हो सकता है, लेकिन यह आंकड़ा सामान्यत: इस रेंज में रहता है।

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