Bitcoin से BlockChain तक: बिटकॉइन ने हिलाई दुनिया, पर ब्लॉकचेन की कहानी अभी हैं बाकी! पुरा पढे | Blockchain Technology in Hindi

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Blockchain Technology: आज के दौर में डिजिटल दुनिया में नई नई तकनीके तेजी से आ रही हैं जो की हमारे जिवन को कई तरिके से प्रभावित करते हैं। इंटरनेट के बाद अगर कोई तकनीक भविष्य को नया आकार देने की क्षमता रखती है तो वह हैं ब्लाॅकचेन टेक्नालॉजी। यह एक ऐसी क्रांति है जिसने न की सिर्फ  वित्तीय क्षेत्र को बदला है बल्की स्वास्थ, शिक्षा, सप्लाई चेन और भी अन्य क्षेत्रो में अपनी छाप छोड़ी हैं। लेकिन आपके मन में सवाल आ रहा होगा की यह ब्लाॅकचेन आखिर है क्या चीज? तो आज हम इस आर्टिकल में आपको यही बताने जा रहे हैं Blockchain Technology के बारे मे, यह कैसे काम करता हैं? आइये जाने विस्तार से।

ब्लाॅकचेन तकनीक हैं क्या? (Blockchain Technology)

अगर Blockchain को आसान भाषा में समझें तो यह एक विकेन्द्रीकृत डिजिटल बहीखाता (Decentralized Digital Ledger) होता हैं। यह डेटा को ब्लाॅक्स में संग्रहीत करता हैं। यह ब्लाॅक्स क्रिप्टोग्राफ़ी द्वारा आपस में जुड़े हुये होते हैं।‌ जिसकी एक सुरक्षित और अटुट श्रुंखला बनी होती हैं। हर ब्लाॅक्स में लेन-देन का रेकाॅर्ड, टाइमस्टैम्प और पिछले ब्लाॅक्स का हैश कोड मौजुद होता हैं।

जियो काॅईन कैल्क्युलेटर

यह पारंपरिक डेटा बेस से पुरी तरह अलग होता हैं। ब्लाॅकचेन किसी एक कंप्युटर अथवा सर्वर पे नहीं बल्की कई कंप्युटरों अथवा सर्वर पर वितरित होता हैं। इसलिये अगर आपको कोई भी डेटा बदलना है तो बहुत पुरे नेटवर्क की सहमति चाहिये, जिससे यह बहुत सुरक्षित और पारदर्शी बन जाता हैं। 

दरअसल, इसका नाम अक्सर बिटकॉइन, क्रिप्टोकरेंसी से जोड़ा जाता हैं लेकिन यकिन मानिये इसकी उपयोगिता इससे कहीं अधिक हैं। इसे डिजिटल दुनिया की नीव मानी जाती है क्योंकी यह पारदर्शिता, विकेंद्रीकरण और सुरक्षा के माध्यम से विविध क्षेत्रो में बदलाव ला रही हैं। 

इसकी शुरवात साल 2008 मे बिटकॉइन से ही हुई थी। तब एक अज्ञात व्यक्ती सतोशी नाकामोतो ने इसका उपयोग क्रिप्टोकरेंसी के लिये किया था। लेकिन अब अब यह तकनीक सिर्फ बिटकॉइन तक सिमित नहीं रही यह उससे कई आगे बढ़ चुकी हैं।

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ब्लाॅकचेन कैसे काम करता हैं? (Blockchain Working)

यह मुख्यता 3 चीजों पर आधारित हैं,

विकेन्द्रीकरण (Decentralization): इसका डेटा किसी एक जगह पर नहीं बल्की बड़े नेटवर्क नोड्स पर बहुत जगह फैला होता हैं।

पारदर्शिता (Transparency): इसमें होनेवाले लेन-देन को हर कोई आसानी से देख सकता हैं लेकिन इसमें बदलाव करना लगभग असंभव हैं।

सुरक्षा (Security): इसमें क्रिप्टोग्राफी और हैश फंक्शन्स के जरिये डेटा को सुरक्षित किया जाता हैं।

जब इसमें कोई भी लेन-देन होता है तो इसे नोड्स द्वारा रेकॉर्ड और सत्यापित किया जाता हैं, यह ब्लाॅक उसके पिछले ब्लाॅक से जुड़ा होता हैं। मानो एक बार इस चेन में यह शामिल हुआ तो इसे बदलना असंभव होता है क्योंकी इसके लिये पुरे नेटवर्क को पुरा बदलना होगा जो की मुनकिन नहीं हैं।

ब्लाॅकचेन के फायदे (Blockchain Advantages)

ब्लाॅकचेन तकनीक को क्यु भविष्य की नीव मानी जा रही है इसके कुछ फायदे इस प्रकार,

सुरक्षा: इसको हैक करना या बदलना बहुत मुश्किल होता हैं।

पारदर्शिता: सभी लेन-देन कोई भी देख सकता है इसलिये इसमें भ्रष्टाचार कम होता हैं।

कम लागत: बिचौलियों की जरुरत खत्म होने से लेन-देन फास्ट और सस्ता हो जाता हैं।

विकेंद्रीकरण: किसी एक संस्था का या सरकार का नियंत्रण इसपर नहीं रहता। जिससे यह जन-केंद्रित बन जाता हैं। 

विश्वसनीयता: स्मार्ट क्राॅट्रेक्ट जैसे टुल के जरिये स्यंचलित और भरोसेमंद प्रक्रियाएं संभव है।

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ब्लाॅकचेन में चुनौतियां और सीमाएं

हर तकनीक में कुछ चुनौतियां और उसकी सीमाएं होती है वैसे ही इसमें भी हैं,

  • ऊर्जा खपत: बिटकॉइन जैसे ब्लाॅकचेन को चलाने के लिये बहुत सारी बिजली की आवश्यकता होती हैं, इसलिये इसका पर्यावरण पर भी असर देखने को मिलता हैं, यह एक चिंता का विषय हैं।
  • जटिलता: इसमें समझना और लागु करना आम लोगों के लिये छोटे व्यवसायों के लिये मुश्किलभरा हो सकता हैं।
  • कानूनी अनिश्चितता: कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लाॅकचेन को लेकर स्पष्ट कानून या कोई नियम मौजुद नहीं हैं।
  • स्केलेबिलिटी: बड़े पैमाने पर लेन-देन को संभालने में अभी तकनीक पूरी तरह सक्षम नहीं हैं।

ब्लाॅकचेन का उपयोग (Blockchain Use)

यह केवल ब्लाॅकचेन तक सिमीत नहीं है बल्कि बहुत सारे क्षेत्र में इसे इस्तमाल किया जा सकता हैं।

  • वित्तीय क्षेत्र- बिटकॉइन, इथेरियम जैसी क्रिप्टो के अलावा बैंक अतंराष्ट्रीय लेन-देन तेज और सस्ता करने के लिये ब्लाॅकचेन को इस्तमाल कर सकते हैं।
  • सप्लाय चेन- सामान की उत्पत्ति से लेकर ग्राहक तक की पुरी यात्रा को ट्रैक करने में ब्लॉकचेन मदत करता हैं जैसे खाद्य सुरक्षा में।
  • स्वास्थ- मरिजो के रेकार्ड को सुरक्षित और गोपनीय रखने के लिये भी अब इसे इस्तमाल किया जा रहा हैं।
  • वोटिंग- पारदर्शी और सुरक्षित ऑनलाइन वोटिंग सिस्टम बनाने में भी इसकी भविष्य में मदत हो सकती हैं।
  • स्मार्ट काॅन्ट्रेक्ट्स- यह स्वयमचलित अनुबंध होता है जो की अपने आप लागु होता हैं जैसी की आपका किराये का समझौता खत्म होगया या आपका बीमा खत्म हो गया।

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भविष्य में ब्लाॅकचेन की संभावना (Blockchain Future)

ब्लाॅकचेन का भविष्य उज्वल हैं। इसके जानकारो का मानना है की ब्लाॅकचेन तकनीक आनेवाले डिजिटल दुनिया का आधार बन सकता हैं। अलग अलग देशों की सरकारें इसे सुरक्षा और पारदर्शिता के लिये इस्तमाल में ले सकती हैं। वेब 3 जो की डिजिटल युग का अगला चरण माना जा रहा है, वहीं भी एक तरिके से ब्लॅकचेन पर आधारित हैं। 

भारत में भी इसको लेकर काफी उत्साह दिखाई देता हैं। सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत इसको बढ़ावा दिया हैं और कई स्टाॅर्टअप इस दिशा में काम कर रहे हैं। यह आनेवाले दिनों में नाही सिर्फ अर्थव्यवस्था मजबुत करेगा बल्की सामाजिक बदलाव का भी माध्यम साबित होगी।

निष्कर्ष (Final Words)

ब्लाॅकचेन टेक्नालॉजी एक ऐसी तकनीक है जिसपर भविष्य में पुरी डिजिटल दुनिया खड़ी होगी। यह सुरक्षा, पारदर्शिता और विश्वसनियता का नया आयाम हैं। हालाकी अभी इसमें कुछ चुनौतियां और खामीया हैं जो आनेवाले समय में कम किये जा सकते हैं। जैसे जैसे यह तकनीक विकसित होगी यह हमारे जीवन को आसान, पारदर्शि और सुरक्षित बनायेगी। तो आप क्या तयार है इस डिजिटल क्रांती का हिस्सा बनने?

अगर आपको हमारा यह Blockchain Technology का आर्टिकल अच्छा लगा होगा होगा तो इसे अपने मित्रो से साझा करें और आपका कोई सवाल और सवाल होगा तो हमें अवश्य पुछ सकते हैं।

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FAQ

प्रश्न: Blockchain Technology क्या हैं?

उत्तर- Blockchain Technology एक विकेन्द्रीकृत डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम है, जो डेटा को ब्लॉक्स में स्टोर करता है और Cryptography से सुरक्षित करता है। यह पारदर्शी और सुरक्षित लेनदेन के लिए जाना जाता है।

प्रश्न: Blockchain को सुरक्षित क्यु माना जाता हैं?

उत्तर- इसमें डाटा नोड्स पर वितरित होता हैं और क्रिप्टोग्राफ़ी से इसे सुरक्षित किया जाता हैं। इसे बदलशा हैं तो पुरा नेटवर्क सहमत होना चाहिये, जो की इसे हैक करने से बचाता हैं।

प्रश्न: भारत में ब्लाॅकचेन का क्या भविष्य हैं?

उत्तर- भारत सरकार और नये नये स्टार्टअप इसे अपनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया और एक पारदर्शी प्रशासन के लिये यह तकनीक महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।

प्रश्न: ब्लाॅकचेन और बिटकॉइन में क्या अंतर हैं?

उत्तर- बिटकॉइन ब्लाॅकचेन तकनीक का पहला उपयोग हैं। जब की ब्लाॅकचेन स्वयं एक व्यापक तकनीक हैं जिसके अनगिनत उपयोग हैं। 

प्रश्न: क्या ब्लाॅकचेन को छेड़ा जा सकता है?

उत्तर- ब्लाॅकचेन को छेड़ना बेहद मुश्किल होता है इसमें हर ब्लाॅक क्रिप्टोग्राफ़ी से जुडा होता हैं। प्राॅक्टिकली यह करना असंभव हैं।

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